मैहर में बनी ‘सड़क पर सड़क’, ऊंचाई 1 फीट बढ़ी तो पानी घरों में घुसा; हाईकोर्ट हैरान, PWD और कलेक्टर से जवाब तलब.......
मैहर में बनी ‘सड़क पर सड़क’, ऊंचाई 1 फीट बढ़ी तो पानी घरों में घुसा; हाईकोर्ट हैरान, PWD और कलेक्टर से जवाब तलब.......
सतना (मैहर)........
मध्यप्रदेश के मैहर शहर में लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा एक बेहद अजीबो-गरीब निर्माण कार्य ने आम लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। शहर के बीचों-बीच बनाई जा रही करीब 4 किलोमीटर लंबी सड़क को बिना पुरानी सड़क हटाए, सीधे उस पर ही एक फीट ऊंचा कर दिया गया है। नतीजा यह है कि बारिश के दौरान पानी मकानों और दुकानों में घुस रहा है, और लोगों की आवाजाही भी बाधित हो रही है।
इस मामले को लेकर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी मनीष पटेल द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिका पर 9 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा कि "ऐसे कामों को अप्रूव कौन कर रहा है?"
हाईकोर्ट ने मांगी जवाबदेही
कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग, कलेक्टर मैहर, नगर पालिका और निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार संजय सिंह सहित सभी पक्षकारों से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को निर्धारित की गई है।
तीसरी बार बन रही है वही सड़क
याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट जयंत कुमार पटेल ने कोर्ट को बताया कि यह सड़क मां शारदा मंदिर रोप-वे के पास घंटाघर से लेकर अलाउद्दीन खां चौराहा और कलेक्ट्रेट होते हुए गुजरती है। यह सड़क पहले ही दो बार बन चुकी है, फिर भी हर बारिश में इसकी हालत खस्ताहाल हो जाती है। तीसरी बार भी बिना पुराने निर्माण को हटाए, सीधा उस पर ही नया निर्माण कर दिया गया है।
‘खानापूर्ति’ के आरोप, सुरक्षा पर सवाल
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता है और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सड़क की ऊंचाई बढ़ा देने से अब घरों के अंदर पानी भर रहा है, जिससे हादसों की आशंका भी लगातार बनी हुई है।
कोर्ट की टिप्पणी: “हर जगह यही हो रहा है”
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के वकील से तीखा सवाल किया:
“आखिर ऐसी क्या जरूरत थी कि तीन बार एक ही सड़क पर निर्माण करवाया गया? क्या यहां भारी वाहनों की आवाजाही है?”
मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी में कहा:
“देखिए, उठाया गया तर्क बिल्कुल सही है। आप हर जगह ऐसा ही कर रहे हैं। सड़क की ऊंचाई एक फीट क्यों बढ़ाई गई? अब तो घर ही पानी में डूब जाएंगे। जबलपुर से लेकर यहां तक यही हाल है।”
कौन-कौन बना पक्षकार?
याचिका में जिन अधिकारियों और संस्थाओं को पक्षकार बनाया गया है, उनमें शामिल हैं:
प्रमुख सचिव, निर्माण भवन
प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग
इंजीनियर इन चीफ, PWD
कार्यपालन यंत्री, PWD संभाग सतना
एसडीओ, PWD मैहर
कलेक्टर, मैहर
नगर पालिका परिषद, मैहर
ठेकेदार संजय सिंह
अब अगली सुनवाई 24 सितंबर को
मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी, जिसमें सभी पक्षों को जवाब प्रस्तुत करना होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के निर्माण कार्यों की जवाबदेही तय की जानी जरूरी है, ताकि भविष्य में आम जनता को नुकसान न उठाना पड़े।